सुविचार
“कविता सच्ची भावनाओं का चित्र है , और सच्ची भावनाएं चाहे दुःख की हों या सुख की , उसी समय उत्पन्न होतीं हैं, जब हम दुःख या सुख का अनुभव करते हैं |
मुंशी प्रेमचंद
साहित्य का अध्ययन युवकों का पालन-पोषण करता है , वृद्धों का मनोरन्जन करता है , विपत्ति में धीरज देता है , घर में प्रमुदित करता है और बाहर विनीत बनाता है |
सिसरो
सुखी जीवन व्यतीत करने का उपाय यह है कि मनुष्य तन्मय होकर मनोनुकूल कार्य में अपने को लगा रखे और इस बात को सोचने के लिए भी कुछ समय न दे कि वह सुखी है या नहीं |
जार्ज बर्नाड शा
अगर मस्जिद में जाने से हिन्दू मुसलमान और मंदिर में जाने से मुसलमान हिन्दू हो जाये , तो ज़बानों के सीखने से भी यकीनन मज़हबी अज़मत पर धब्बा आना चाहिए |
सीमाब अकबराबादी
दरअसल हिन्दुस्तानियों की ज़हनियतें इस क़दर पस्त हो गयीं हैं कि , वह क़दम-क़दम पर “हिन्दू पानी” और “मुसलमान पानी” की आवाज़ें सुनने के आदी हो गए हैं |काश ! कोई मुल्की और समाजी क़ानून ऐसा होता , जो दिमागों से इस लगवियत छील कर फेंक देता |
सीमाब अकबराबादी